स्कैनर की पूरी जानकारी
आप लोगों ने स्कैनर बारे में तो जरूर ही सुना होगा। आप लोग तो ये जानते ही होंगे की स्कैनर क्या है और इसका उपयोग कैसे किया जाता है। आज का हमारा "स्कैनर
की जानकारी और प्रकार विस्तार में" हम आज आपको स्कैनर के बारे में कुछ विस्तार में बताना चाहते है ताकि आप लोगो का ज्ञान और ज्यादा विकास कर सके। आप लोगो को हमारे आज के इस लेख को जरूर पढ़ना चाहिए क्योकि आज का ये लेख आप लोगो के लिए बहुत उपयोगी है।
सब लोगो को हमेशा कुछ ना कुछ सीखने के लिए उत्साहित रहना चाहिए और जब भी कुछ सीखने का एक छोटा सा भी मौका मिले तो हमे उस मौके को गवाना नहीं चाहिए। तो आप लोगो को भी आज के इस मौके को गवाना नहीं चाहिए और इस मौके का पूरी तरह से लाभ उठाना चाहिए तो देर किस बात की है आईये जान लेते है की स्कैनर क्या है और ये किस तरह से काम करता है और साथ साथ ये भी जान लेते है की स्कैनर कितने प्रकार के होते है।
स्कैनर एक ऐसी मशीन है जिसके जरिये हम किसी भी दस्तावेज, पिक्चर आदि को डेस्कटॉप में उतार सकते है। और बाद में हम उस दस्तावेज पिक्चर या स्कैन किया गया पेज में कुछ बदलाव ला सकते है या कही भेज सकते है .जब भी हमे किसी फोटो को, किसी पेज को, किसी दस्तावेज या या पोस्टर को संपादन या भेजना होता है तो हमे पहले उस दस्तावेज, पिक्चर, पोस्टर या उस पेज को स्कैन करना होता है। किसी पेज को, पिक्चर को, पोस्टर को या दस्तावेज को स्कैन करने के बाद ही हम उस दस्तावेज, पिक्चर, पेज या उस पोस्टर को सम्पादित या भेज सकते है।
आज कल हर उस दुकान में स्कैनर रहता है जिन दुकानों में कंप्यूटर द्वारा काम किया जाता है। और इन स्कैनर का साइज भी ज्यादा बड़ा नहीं होता हम अपने कंप्यूटर के साइड में थोड़ी सी जगह बनाकर वह आराम से हम अपने स्कैनर को रख सकते है। लेकिन सिर्फ कंप्यूटर के पास स्कैनर को रख देने से ही स्कैनर चलने तो नहीं लगेगा और हमारे दस्तावेज, पिक्चर, पेज या पोस्टर को स्कैन तो नहीं करने लगेगा ना तो अब सवाल ये है की स्कैनर को हम अपने कंप्यूटर से कैसे जोड़ सकते है तो आईये जानते है कैसे हम एक स्कैनर को अपने कंप्यूटर के साथ जोड़ सकते है।
हम किसी भी स्कैनर को अपने कंप्यूटर के साथ USB, फायर वायर, समानांतर और SCSI के द्वारा जोड़ सकते है और किसी भी दस्तावेज, पेज पोस्टर या पिक्चर को बहुत आसानी से स्कैन कर सकते है।
ऊपर हमने ये तो जान लिया है की स्कैनर को हम कैसे अपने कंप्यूटर के साथ जोड़ सकते है लेकिन अब हमारा ये भी जान लेना बहुत जरूरी है की स्कैनर कितने प्रकार के होते है। तो आईये जान लेते है की स्कैनर के कितने प्रकार है और वो प्रकार क्या क्या है।
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स्कैनर के प्रकार
फ्लैटबेड
स्कैनर:
फ्लैटबेड स्कैनर का और एक नाम है डेस्कटॉप स्कैनर। फ्लैटबेड स्कैनर के 3 भाग होते है जैसे -
1. एंट्री लेवल फ्लैटबेड स्कैनर।
2. मिड लेवल फ्लैटबेड स्कैनर।
3. हाई लेवल फ्लैटबेड स्कैनर।
शीट
-फेड-स्कैनर:
शीट -फेड-स्कैनर भी बिलकुल फ्लैटबेड स्कैनर की तरह ही होता है बस फरक ये है जब दस्तावेज चलने लगती है तब इनका हेड गतिहीन हो जाता है।
हैंडहेल्ड
स्कैनर:
हैंडहेल्ड स्कैनर भी बिलकुल फ्लैटबेड स्कैनर के तरह ही होता है ल्र्किन इसके क्षेत्र में दस्तावेज को आगे बढ़ाने के लिए खुद सहारा देना पड़ता है।
ड्रम:
इस स्कैनर का इस्तेमाल खासकर प्रकाशन कम्पनीज में किया जाता है। ये एक ऐसा स्कैनर है जो इमेज के छोटे से छोटे हिस्से को भी काफी बारीकी के साथ स्कैन करता है। इस को करने के लिए PMT (फोटोमल्टिप्लिएर ट्यून) का इस्तेमाल किया जाता है।
हॉस्पिटल
में
इस्तेमाल
होने
वाले
स्कैनर:
हॉस्पिटल में CT स्कैन के लिए स्कैनर का इस्तेमाल किया जाता है। इस में स्कैनर को एक अक्स-रे मशीन की तरह इस्तेमाल किया जाता है। हॉस्पिटल में CT स्कैन के लिए स्कैनर को दो तरह से इस्तेमाल किया जाता है जैसे-
1.
पारंपरिक
सीटी
स्कैन:
इसमें स्कैनर स्लाइस बय स्लाइस काम करता है और हर स्लाइस के बाद स्कैनर बंद हो जाती है और अगले स्लाइस के लिए निचे चली जाती है।
2.
सर्पिल
/ पेचदार
CT स्कैन:
इस में लगातार स्कैन होती रहती है जो एक तरह से सर्पिल / पेचदार की तरह दिखती है। इसकी स्पीड बहुत तेज होती है और गुणवत्ता भी काफी अच्छी होती है।
स्कैनर
के
फायदे:
फ्लेटबेट स्कैनर के द्वारा स्कैन किये गए किसी भी चीज़ की गुणवत्ता अच्छी होती है।
स्कैनर के द्वारा स्कैन की गयी किसी भी चीज़ को हम इलेक्ट्रिकल दस्तावेज की तरह इस्तेमाल कर सकते है।
स्कैनर के द्वारा स्कैन की गयी किसी भी चीज़ को हम ग्राफिक एप्लीकेशन की तरह इस्तेमाल कर सकते है।
स्कैनर
के
नुक्सान:
कभी कभी स्कैन करने के दौरान कोई भी इमेज या दस्तावेज अपनी वास्तविक गुणवत्ता खो देती है।
स्कैन किया गया किसी भी चीज़ को सेव करने के लिए बहुत सारी जगह की ज़रुरत होती है।
स्कैन किया हुआ किसी भी इमेज या दस्तावेज की गुणवत्ता वास्तविक इमेज या दस्तावेज की गुणवत्ता पर आधारित होती है।
ऊपर के इस लेख को पढ़कर आप लोगो को समझ में तो आ गया होगा की स्कैनर क्या है और इसका प्रयोग कैसे किया जाता है। आज कल हर काम के लिए स्कैनर एक काफी सरल और ज़रूरी माध्यम है। आज विज्ञान और तकनीक ने इतनी उन्नति कर ली है की हमारा कठिन से कठिन काम भी बड़ी आसानी से हो जाता है। रोज हो रही ये नयी नयी चीज़ो का अविष्कार हमारे लिए एक वरदान स्वरुप है।
जिस तरह से एक के बाद एक नयी नयी चीज़ो का अविष्कार हो रहा है आयी में हमारा भी ये फर्ज बनता है की हम भी इस आधुनिक ज़माने के साथ कदम से कदम मिलाकर चले। इसलिए हमारा आप लोगो से निवेदन है की आप लोग हमारे इस लेख को पढ़िए और स्कैनर के बारे में और ज्यादा जानकारी हासिल कर लीजिये ताकि आप लोग कभी भी किसी से भी पीछे ना रहे इसलिए आप लोग हमारे आज के इस लेख को ध्यान से पढ़िए और स्कैनर के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर लीजिये।
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