IAS Success Stories in Hindi
कहा जाता है कि अगर कोई आदमी किसी किसी काम को मजबूत इरादे से करे तो दुनिया की कोई ताकत हरा नहीं सकती | ये बाते कहने और
सुनने में बहुत ही सरल लगती है पर जब आप अप्लाई करने की बात करते हो लेकिन बहुत हिम्मत की आवस्यकता होती है | हम इस आर्टिकल के द्वारा आपको हम जाजमऊ के रहने वाले एक निवासी सूरज सिंह के परिहार के बारें में बताने जा रहे है जिन्होंने परिस्थितिया अनुकूल न होने पर भी सिविल सेवा परीक्षा में पास होने का अटल फैसला उनको एक ऊंचे सिखर पर ले आया | सूरज ने IAS की परीक्षा में उपलब्धि प्राप्त करके अपनी स्थिति मजबूत कर लि है | हर साल कॉरोडो विद्यार्थी IAS officer बनने की चाह में सिविल सर्विसेज के एग्जाम में बैठते हैं पर इनमे से 0.025 percent से भी कम लोग IAS officer बन पाते हैं ।
सुनने में बहुत ही सरल लगती है पर जब आप अप्लाई करने की बात करते हो लेकिन बहुत हिम्मत की आवस्यकता होती है | हम इस आर्टिकल के द्वारा आपको हम जाजमऊ के रहने वाले एक निवासी सूरज सिंह के परिहार के बारें में बताने जा रहे है जिन्होंने परिस्थितिया अनुकूल न होने पर भी सिविल सेवा परीक्षा में पास होने का अटल फैसला उनको एक ऊंचे सिखर पर ले आया | सूरज ने IAS की परीक्षा में उपलब्धि प्राप्त करके अपनी स्थिति मजबूत कर लि है | हर साल कॉरोडो विद्यार्थी IAS officer बनने की चाह में सिविल सर्विसेज के एग्जाम में बैठते हैं पर इनमे से 0.025 percent से भी कम लोग IAS officer बन पाते हैं ।
हमें तब तक प्रयास करना होगा जब तक हम सफल नहीं हो जाते आधुनिक
समय
में
सूरज
सिंह
दिल्ली
स्थित
कस्टम
एंड
एक्साइज
डिपार्टमेंट
में
इंस्पेक्टर
के
नियुक्ति
पर
कार्यरत
है
|
आप
सरलता
से
अनुमान
लगा
सकते
हैं कि आईएएस एग्जाम पराजित करना कितना कठिन
काम
है,
और
ऐसे
में
जो
कोई
भी
इस
परीक्षा
को
स्पष्ट
करता है उसके लिए अपने आप ही मन में एक अलग छवि बन जाती है । सूरज
से
कुछ
बातें
की
गई
जिनके
द्वारा
आपको
IAS बनने
के
सपने
में
निश्चित
ही
सहायता
प्राप्त
होगी,
आप
भी
अपना
IAS बनने
का
सपना
पूरा
करने
में
कामयाब
होंगे
|
सूरज
ने
बताया
कि
यह
सपना
हमारा
और
हमारे
घर
के
सभी
सदस्यों
का
था
, जो
पूरा
हो
गया
है
|
घर
में
डेड
गैर-सरकारी
सेक्टर
से
रिटायर
हो
चुके
थे
|
पापा के रिटायर होने के बाद घर की भी सारी जिम्मेदारी हमारें ही कंधो पर आ चुकी थी | ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद मैं दिल्ली आ गया था और फिर इंटरनेशनल बीपीओ में जॉब करने लगा था | नौकरी करने के साथ साथ तैयारी करना बहुत ही कठिन था और नौकरी को छोडऩा भी इतना आसान नहीं था
। 2005 से 2007 तक BPO में कार्य करने बाद 2008 से 2012 तक स्टेट बैंक ऑफ महाराष्ट्रा में पीओ के पद पर जॉब karne लगा । फिर
२०१२
में
एसएससी
के
माध्यम
से
कस्टम
एवं
एक्साइज
विभाग
में
इंस्पेक्टर
के
पद
पर
चयन
हुआ
। फलस्वरूप
जो
मैं
चाहता
था,
इस
उद्देश्य
में
मुझे
सफलता
मिल
ही
गई
। सूरज
सिंह
के
पिता
प्राइवेट
सेक्टर
में
कार्य
करते
हैं.
उन्होंने
बेटे
के
आईएएस
बनने
के
सपने
को
को
वास्तविकता
में
बदलने
के
लिए
अपना
सब
कुछ
बाजी
पर
लगा
दिया
।
सूरज
सिंह
का
IAS का
सफल
प्रयास-
सूरज ने बताया कि यह आईएएस की मेरी तीसरी कोशिश थी । पहली कोशिश में मुझे चुनना नहीं
गया
।
दूसरी
कोशिश
में
भी
मैं
साक्षात्कार
तक
ही
पहुंचा
और
अंत
में
मुझे
उपलब्धि
प्राप्त
हुयी
।
कौन
सा
विषय
चुना
तथा
कैसे
की
तैयारी-
IAS के
लिए
मैंने
हिंदी
साहित्य
को
चुना
था
|
फिर
मैंने
B.A और
M.A की
किताबों
के
अतिरिक्त
एनसीईआरटी
की
किताबों
से
तैयारी
में
सहायता
ली
, सामान्य
पठन
के
लिए
सेल्फ
स्टडी
की
और
हिंदी
साहित्य
के
लिए
दिल्ली
स्थित
दृष्टि
- द
विजन
से
कोचिंग
ली।
साक्षात्कार
की
बारीकियां
कानपुर
के
एपेक्स
इंस्टीट्यूट
की
सहयता
से
किया
|
इंटरव्यू
में
पूछे
गए
सवाल-
मेरा साक्षात्कार Professor David Singley के बोर्ड में हुआ था जो Over all कामयाब था
। डेविड sir South से थे, इसलिए उन्होंने मुझसे अंग्रेजी में प्रश्न पूछे और मैंने भी उनके सभी प्रश्नों
के उत्तर अंग्रेजी में ही दिए
। देश-विदेश से संबंधित प्रश्न पूछे
। तैयारी तो मेरी बहुत
ही
अच्छी
थी, इसलिए उनके प्रश्नों
के उत्तर देने में मुझे कोई परेशानी नहीं आई और मैं प्रश्नो के उत्तर सफलतापूर्वक
देता
गया
।
सूरज
की
शैक्षणिक
पृष्ठभूमि-
कानपुर के सरस्वती विद्या मंदिर, डिफेंस कॉलोनी से 75 प्रतिशत अंकों के साथ हाई स्कूल
पास की और इसी स्कूल से 81 प्रतिशत के साथ इंटरमीडिएट की
क्लास
पास
की
। इसके बाद D.A.V कॉलेज, कानपुर से B.A (67 प्रतिशत) किया और फिर 59 प्रतिशत के साथ M.A की डिग्री प्राप्त की।
Take a Look on Below Table
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